...

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जरूरत
सबने साथ जब छोडा जब सबसे ज्यादा जरूरत थी।
उम्मीद तब ख़तम की जब करनी जरूरी थी।
अपनापन तब छीना जब कोई अपना चाहिएं था।
नफरत तब दी जब प्यार की सबसे ज्यादा जरूरत थी।
अंदर से जब मारा गया जब जीना जरूरी होगा था।
यकीन तब तोड़ा जब उससे जोड़ना चाहिए था।
रुलाया तब गया जब हंसाना चाहिए था
बद्दुआ तब दी गई जब दुआए करनी चाहिए थी
हे मेरे प्रभु तूने भी हाथ तब छोड़ दिया जब पकड़ने की सबसे सख्त जरूरत थी।।

© ansu jannat

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