तुम्हीं ने छोड़ा था मंझधार में 'चन्दन'
तुम्हारे बिन गुज़ारा हो रहा है,
ये दिल पागल हमारा हो रहा है,
क़रीबी इन दिनों है मौत से ज्य़ादा,
मैं मर जाऊँ इशारा हो रहा है ||
तुम मुझको जानकर अंजान बनते हो,
रवैया इस तरह देखो...
ये दिल पागल हमारा हो रहा है,
क़रीबी इन दिनों है मौत से ज्य़ादा,
मैं मर जाऊँ इशारा हो रहा है ||
तुम मुझको जानकर अंजान बनते हो,
रवैया इस तरह देखो...