मतलबी रिश्ते
मानते रहे अपना सबको,
मिला जो भी यहां।
छोड़ बैठे साथ अब सब,
छुप गए न जाने कहाँ।।
भूल से जो मिल भी जाये,
पूछते तुम कौन हो।
दिल हमारा ये कहे अब,
ऐ 'विनीत' अब मौन रहो।।
जो न समझे...
मिला जो भी यहां।
छोड़ बैठे साथ अब सब,
छुप गए न जाने कहाँ।।
भूल से जो मिल भी जाये,
पूछते तुम कौन हो।
दिल हमारा ये कहे अब,
ऐ 'विनीत' अब मौन रहो।।
जो न समझे...