उड़ान।
सपना ही जब आसमान तक उड़ने का देखा है मैंने,
सपना ही जब आसमान तक उड़ने का देखा है मैंने,
तो कही रुककर विश्राम क्यों करू ?
मंजिल ही जब इतनी बड़ी है मेरी,
मंजिल ही जब इतनी बड़ी है मेरी,...
सपना ही जब आसमान तक उड़ने का देखा है मैंने,
तो कही रुककर विश्राम क्यों करू ?
मंजिल ही जब इतनी बड़ी है मेरी,
मंजिल ही जब इतनी बड़ी है मेरी,...