नई सुबह
एक नई सुबह को आना होगा
तुझे पूरा जोर लगाना होगा
बन श्रमिक,हटाने वाला पत्थर
बन तेज धार का चाकू कट्टर
खम ठोक दे कुछ तू ऐसा
अंधियारा का हो ऐसा तैसा
बढ़ चला अगर तू राहो में
रुकना न कभी अफ़वाहों में
बढ़ना है तुझे है बढ़ना ही
रुकना न कभी पीछे मुड़ना
चल...
तुझे पूरा जोर लगाना होगा
बन श्रमिक,हटाने वाला पत्थर
बन तेज धार का चाकू कट्टर
खम ठोक दे कुछ तू ऐसा
अंधियारा का हो ऐसा तैसा
बढ़ चला अगर तू राहो में
रुकना न कभी अफ़वाहों में
बढ़ना है तुझे है बढ़ना ही
रुकना न कभी पीछे मुड़ना
चल...