यह द्वीप रूपी आप और हम
हम आप हैं द्वीप जो अंजान हैं
जज़ीरे आखिर एक नही होते हैं
द्वीप हमेशा दूर ही रहते हैं
दूर के रहस्य की तरह
आपको आकृष्ट करते हैं
पास आओ तो हरी काई दिखती है
मछली आदि की गन्ध भी
लोग मछली खाते भी हैं
पर सब नही
दूरी अच्छी है इस लिहाज़ से
पर बने रहिये पास
विचारों से
जज़ीरे आखिर एक नही होते हैं
द्वीप हमेशा दूर ही रहते हैं
दूर के रहस्य की तरह
आपको आकृष्ट करते हैं
पास आओ तो हरी काई दिखती है
मछली आदि की गन्ध भी
लोग मछली खाते भी हैं
पर सब नही
दूरी अच्छी है इस लिहाज़ से
पर बने रहिये पास
विचारों से