...

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ये बातेँ
बातें ये
मेरे लिए हैं लिखी या
किसी और को संबोधित है,
मैं
समझ नहीं पाता हूँ अब
थोड़ा मदद कर दिया करो न,
हम जानते हैं
तुम्हारा भी दिल चाहता है लेकिन
दिमाग इजाज़त नहीं देता तुम्हें शायद!
कोई नहीं दोस्त,
हम कुछ भी नहीं कहेगे
बस अब और नहीं!
इंतजार रहेगा हमेशा l
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