43 views
मात
हमसे.
इस कदर नाराज़ होते हो
या दीवानगी का इम्तिहान लेते हो
क्यूं,आज़मा कर
इस तरह हमको
जीते जी हमारी जान लेते हो
हमने तुमसे,जो भी कुछ पाया
क्या अपनेपन की निशानी है
हर सांस,दर्द की आँधी है
हर आँसू,दुख का दरिया है
न जाने,तुम हमें कैसी
ये अनचाही सौगात देते हो
क्यूं इतनी बेरुखी से
हमें तुम मात देते हो
© Shivani Singh
इस कदर नाराज़ होते हो
या दीवानगी का इम्तिहान लेते हो
क्यूं,आज़मा कर
इस तरह हमको
जीते जी हमारी जान लेते हो
हमने तुमसे,जो भी कुछ पाया
क्या अपनेपन की निशानी है
हर सांस,दर्द की आँधी है
हर आँसू,दुख का दरिया है
न जाने,तुम हमें कैसी
ये अनचाही सौगात देते हो
क्यूं इतनी बेरुखी से
हमें तुम मात देते हो
© Shivani Singh
Related Stories
78 Likes
47
Comments
78 Likes
47
Comments