घड़ी के विचार
दुनिया में हर कोई करता आराम,
सिवाय मेरे।
24 घंटे चलती रहती हूं,
थमना कभी सीखा ही नहीं।
टिक, टिक, टिक, टिक कर चलती,
संदेश देती हूं
चलना ही जीवन है। ...
सिवाय मेरे।
24 घंटे चलती रहती हूं,
थमना कभी सीखा ही नहीं।
टिक, टिक, टिक, टिक कर चलती,
संदेश देती हूं
चलना ही जीवन है। ...