बना दो हमको जेल का चोर।
ना स्कूल की घंटी की आवाज़,
ना सुबह की प्राथना ,
ना बच्चो का शोर,
ना मैदान में खेलते बच्चे,
ना टीचर की डांट,
ना मिल बांट कर खाना खाते बच्चे।
डेस्क बोलते है,
हम पर अब क्यू बच्चे नहीं बैठते ?
स्कूल के...
ना सुबह की प्राथना ,
ना बच्चो का शोर,
ना मैदान में खेलते बच्चे,
ना टीचर की डांट,
ना मिल बांट कर खाना खाते बच्चे।
डेस्क बोलते है,
हम पर अब क्यू बच्चे नहीं बैठते ?
स्कूल के...