...

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कविता ख़्याल

ख्याल चुभते थे
फिर भी पीछा नहीं छोड़ते थे
ये ख्याल भी कितने बेशर्म होते थे
कभी परेशान करते थे
तो कभी हँसी ख़्याल बन जाते थे
सोते समय सपने बनकर साथ रहते थे
एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ते थे
कभी घर बैठे...