25 views
कविता ख़्याल
ख्याल चुभते थे
फिर भी पीछा नहीं छोड़ते थे
ये ख्याल भी कितने बेशर्म होते थे
कभी परेशान करते थे
तो कभी हँसी ख़्याल बन जाते थे
सोते समय सपने बनकर साथ रहते थे
एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ते थे
कभी घर बैठे दुनिया की सैर कराते थे
किसी की याद दिलाकर क्रोध दिलाते थे
तो किसी की याद दिलाकर प्यार बरस वाते थे
पीछे छूटा हुआ वक़्त यही तो सामने लाते थे
कही हुई बातों को बार बार याद दिलाकर हमें उकसाते थे
कभी ख्याल अच्छे भी आते थे
तो कभी ख़्याल बुरे भी आती थे
पर ख्याल आए बिना नहीं रहते थे
हम ज़िंदा हैं ये ख्याल ही तो बताते थे
Related Stories
41 Likes
14
Comments
41 Likes
14
Comments