सुकून ❤️
सुकून की तलाश है तो राम खोज।
प्रेम की प्यास है तो श्याम खोज।
दिलों में आस लगाए बैठे हो क्यूं?
सत्य की आस है तो एक शाम खोज।
वो शाम, जहां राम हो...
वो शाम, जहां श्याम हो...
जहां तू पूछ सके सवाल?
तो अपने विचलित मन से पूछ...
इस निराश जीवन से पूछ...
जवाब ना आए तो राम देख...
मुस्कुराता हुआ श्याम देख...
फिर खुद से कर सवाल?
क्यूं विलाप नहीं किए राम हमारे?
क्यूं विलाप नहीं किए श्याम हमारे?
सबकुछ खोकर ही तो राघव, राम बन पाए।
सबकुछ छुपाकर ही तो कान्हा, श्याम कहलाए।
प्रेम की प्यास है तो श्याम खोज।
सुकून की तलाश है तो राम खोज।
© Rahul Raghav
प्रेम की प्यास है तो श्याम खोज।
दिलों में आस लगाए बैठे हो क्यूं?
सत्य की आस है तो एक शाम खोज।
वो शाम, जहां राम हो...
वो शाम, जहां श्याम हो...
जहां तू पूछ सके सवाल?
तो अपने विचलित मन से पूछ...
इस निराश जीवन से पूछ...
जवाब ना आए तो राम देख...
मुस्कुराता हुआ श्याम देख...
फिर खुद से कर सवाल?
क्यूं विलाप नहीं किए राम हमारे?
क्यूं विलाप नहीं किए श्याम हमारे?
सबकुछ खोकर ही तो राघव, राम बन पाए।
सबकुछ छुपाकर ही तो कान्हा, श्याम कहलाए।
प्रेम की प्यास है तो श्याम खोज।
सुकून की तलाश है तो राम खोज।
© Rahul Raghav
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