जंजीर
जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
बंधन सारे आज तोड़
हम ,समाज की फिक्र
छोड़ हम चलें है आज
मंजिल को पाने की उड़ान
भर इन जंजीरों को तोड़
हम
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
बंधन सारे आज तोड़
हम ,समाज की फिक्र
छोड़ हम चलें है आज
मंजिल को पाने की उड़ान
भर इन जंजीरों को तोड़
हम
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