...

5 views

*** तुम पे प्यार आ जायेगा ***
*** ग़ज़ल ***

*** तुम पे प्यार आ जायेगा ***

" सच मानो तुम पे प्यार आ जायेगा ,
बेतालुक ख़्याल इज़हार आ जायेगा ,
बिन बात के गुस्ताखी कर जायेंगे ,
हाले दिल का जो तुम तार छेड़ा हैं ,
मुस्तैदी इस ख़्याल का ख़्याल कर बैठे हैं ,
हमारी आरज़ू जाने अब कौन सी रंग लायेगी ,
गुल खिलेंगे चाहतों के इस मुन्तजिर के आदी तुम भी ,
दे रहो दस्तक की ये तेरा मुन्तजिर लाजमी हैं ,
दे सको हाथों में हाथ तुम कहीं तुम्हें थाम ले कहीं ,
इस रुसवाई का तुझे एहसास तुम्हें कब होगा ,
कर दे तुम मुझे तेरा मंसूब फिर इस करवा में ,
फिर जाने हयात तेरे हिज़्र के राहों में मुकम्मल हो... "

--- रबिन्द्र राम
© Rabindra Ram