...

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दमड़ी
#दमड़ी
चमड़ी रगड़ करता है
दमड़ी रंग भरता है
भाव महंग करता है
अक्स फर्क करता है
धौस चलन चलता है
वक्त चयन करता है
कष्ट परख करता है
पतवार नही रखता है
लेकिन साहिल चाहता है
खोखले दंभ भरता है
अश्रुओ को पीता है
फिर भी जीवन हंसता है
अवसर रवाइस चलता है
वहम का दरिया भरता है
प्रस्तर रगड़ को सहता है
प्यासा कुंआ निरखता है
क्षुधा का पलरा भरता है
अनुचित,उचित सा लगता है
भ्रमो का खेल चलता है
नीति नियम बदलता है।