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माँ का प्यार
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो
हाथ अपना फेर कर मेरे बालो मे
बचपन की याद दिलाती हो
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो।


तुम दुनिया की वह हस्ती हो ,माँ
तुमारे कदमो के नीचे सारा संसार है ,माँ
चोट मुझे लगती है तो दर्द तुम्हे होता है ,
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो ।

तुम खुशी से फूल जाती हो जब मैं हँसता हूँ
तुम अपना हर दर्द भूलकर मुझे अपने सीने से लगा लेती हो,
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो ।
जब मैं थक जाता हूँ तो मुझे अपने गोद मैं सुलाती हो
इस दुनिया में तुम ही हो ऐसी जो मुझे निस्वार्थ प्रेम करती हो
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो ।


किसी भी अवस्था मे सर्वप्रथम
तुम मेरा भरण -पोषण करती हो ,खिशी तो
मुझे होना चाहिए कि मुझे मिली हो
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो ।


माँ तुम साहनशील पत्थर सी और तुम्हारा दिल है मोम सा
ना जाने तुम किस मिट्टी से बनी हो ,माँ
तुम जननत का फूल हो ,तुम्हारी कदमो की मिट्टी जननत की धूल है।
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो ।

ना जाने माँ तुम्हारी ममता के छावं में कब मैं बड़ा हो गया,
पर मैं कितना भी बड़ा हो गाया पर तुम्हारे लिए तो बच्चा ही रहूँगा ।


मुझे हर एक मुसीबत से बचाती हो ,
चाहे तुम कितनी ही बरी मुसीबत में हो ,
और तुम्हारा प्यार मेरे लीए कभी भी खत्म नहीं होता है ।
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो ।
मृत्यू के लिए बहुत से रास्ते है ,
पर जन्म के लीए केबल माँ तुम हो
तुमहारे बीन यह जीवन अधूरा है
तुम और तुम्हारा प्यार दुनिया में सबसे निराला है
जब भी उदास होता हूँ तो सीने से लगा लेती हो ।