स्वयं स्वरूप
तू फूल बनके महक
तुझे इंसान जानेगा।
तू सूर्य बनके चमक
तुझे ब्रम्हान्ड जानेगा।
तू समय की तरह चल
तुझे तेरा लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा।
तु कलियों की तरह खिल
तुझमें ज्ञान समा जाएगा।
तू पहले दुख से निपट
तुझे सुख ही सुख मिलेगा।
तू सागर की तरह लहर
माँ बाप का नाम ऊँचा हो जाएगा।
तू झरनों की तरह बह
तुझे सारा संसार जानेगा।
तू कमल बनके खिल
तू प्रकाशवान हो जाएगा।
तू सत्यमार्ग पर चल
तेरा उपकार हो जाएगा।
कुछ ऐसा करके दिखा
जग में तेरा नाम रोशन हो जाएगा।
जग में तेरा नाम रोशन हो जाएगा।
© Neha
तुझे इंसान जानेगा।
तू सूर्य बनके चमक
तुझे ब्रम्हान्ड जानेगा।
तू समय की तरह चल
तुझे तेरा लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा।
तु कलियों की तरह खिल
तुझमें ज्ञान समा जाएगा।
तू पहले दुख से निपट
तुझे सुख ही सुख मिलेगा।
तू सागर की तरह लहर
माँ बाप का नाम ऊँचा हो जाएगा।
तू झरनों की तरह बह
तुझे सारा संसार जानेगा।
तू कमल बनके खिल
तू प्रकाशवान हो जाएगा।
तू सत्यमार्ग पर चल
तेरा उपकार हो जाएगा।
कुछ ऐसा करके दिखा
जग में तेरा नाम रोशन हो जाएगा।
जग में तेरा नाम रोशन हो जाएगा।
© Neha