...

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यादें
उसकी यादों की झिलमिल
रौशनी से अक्सर मैं मिल आता हूँ
कभी आँसू बनकर कभी हँसी बनकर
वो मेरी तन्हाई में शामिल है
कभी फुर्सत मिले तो आकर मिलना
आज भी तेरा अहसास धूमिल न होने दिया है
चाहे तू पास हो या नही
तेरी हँसी अक्सर मेरे दिल में कैद है
ये ऑंखें हमेशा ही
तेरी यादों के नशा से बोझिल रहती है
सुकून