Beti : Meri muskaan
Meri muskaan
मेरी मुस्कान
मेरी मुस्कान तुम्हें सुकून बड़ा दे जाती है,
आँखो से दिल को छू जाती हैं।
कहु भी न मैं कुछ तो भी,
तुम मुस्कान से समझ जाते हो।
काम में मगन हुए तुम्हें,
मेरी मुस्कान खींच लाती हैं।
खिलती है कोई कली गुलाब की जिस तरह,
ऐसे मेरी मुस्कान तुम्हें तरो - ताजा कर जाती हैं।
है खूबसूरत मेरी मुस्कान...
मेरी मुस्कान
मेरी मुस्कान तुम्हें सुकून बड़ा दे जाती है,
आँखो से दिल को छू जाती हैं।
कहु भी न मैं कुछ तो भी,
तुम मुस्कान से समझ जाते हो।
काम में मगन हुए तुम्हें,
मेरी मुस्कान खींच लाती हैं।
खिलती है कोई कली गुलाब की जिस तरह,
ऐसे मेरी मुस्कान तुम्हें तरो - ताजा कर जाती हैं।
है खूबसूरत मेरी मुस्कान...