औरत
हर रोज़ ही है ये उनका दिन,
ये कायनात उन से मुमकिन.
हर रोज़ हैं दिखते उनके रंग,
कभी फ़ौलाद, कभी कमसिन.
पानी से ज़्यादा ज़रूरी हैं वो,
ज़िंदगी ही ना होगी उनके बिन.
दुनिया का सामना करती हैं,
बाहर से...
ये कायनात उन से मुमकिन.
हर रोज़ हैं दिखते उनके रंग,
कभी फ़ौलाद, कभी कमसिन.
पानी से ज़्यादा ज़रूरी हैं वो,
ज़िंदगी ही ना होगी उनके बिन.
दुनिया का सामना करती हैं,
बाहर से...