हरश्रृंगार का गजरा
गजरा जिसमें,
पुष्प हरश्रृंगार,
के हो !
पल पल अपनी,
मंद मंद खूशबू,
के साथ !
मुझको याद,
आपकी ही
दिलाये !
उपहार में वही,
ठाकुर साहब,
मुझे रास आये !!
पुष्प हरश्रृंगार,
के हो !
पल पल अपनी,
मंद मंद खूशबू,
के साथ !
मुझको याद,
आपकी ही
दिलाये !
उपहार में वही,
ठाकुर साहब,
मुझे रास आये !!