...

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***** तेरी कमी है******
जहां छोड़कर गया था तू ,ज़िन्दगी आज भी वहीं थमी है,
कहने को तो सब कुछ है , मग़र एक तेरी कमी है,

क्यूँ छोड़ गया तू साथ मेरा , ज़िन्दगी के नाजुक मोड़ पर,
जिस राह पर गया था तू , ये आँखे आज भी वहीं जमी हैं,

ठहर गई है ज़िन्दगी , अब कोई सहारा नज़र नही आता,
सदियाँ बीत गई हैं लेकिन , आँखों मे आज भी नमी है,

तुझसे ही हर ख़ुशी थी मेरी , तू ही मेरा पूरा जहान था,
चली गई हर बहार मेरी , ज़िन्दगी में अब बिखरी ग़मी है,

तेरी यादों के सहारे ,ये ज़िन्दगी हम गुज़ार भी लेते,
लगता है जैसे हर दर्द के निशाने पर ,आज भी हमी हैं।।

-पूनम आत्रेय