कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं?
कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं?
तुम कह देना कोई खास नहीं..
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा
एक झुट है आधा सच्चा सा..
जज़्बात से ढका एक पर्दा है
एक बहाना है कोई अच्छा सा..
साथ बनकर रह जाता है
ओ दर्द बांटा जाता है..
यूं तो उसके ना होने का
मुजको कोई गम नहीं
पर कभी कभी ओ आंखो से
आंसू बन के बह जाता है..
यूं रेहता मेरे जेहन में ओ
पर नजरो को उसकी तलाश नहीं..
कोई पूछे तुमसे कौन हूं मैं?
तुम कह देना कोई खास नहीं।।।
---- rajat_n09 ( raj@t)
© All Rights Reserved
तुम कह देना कोई खास नहीं..
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा
एक झुट है आधा सच्चा सा..
जज़्बात से ढका एक पर्दा है
एक बहाना है कोई अच्छा सा..
साथ बनकर रह जाता है
ओ दर्द बांटा जाता है..
यूं तो उसके ना होने का
मुजको कोई गम नहीं
पर कभी कभी ओ आंखो से
आंसू बन के बह जाता है..
यूं रेहता मेरे जेहन में ओ
पर नजरो को उसकी तलाश नहीं..
कोई पूछे तुमसे कौन हूं मैं?
तुम कह देना कोई खास नहीं।।।
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