कलम
करेला उपर से नीम चढ़ा ,
चांद सा जो रिफ्लेक्ट बना ,
कपोल को भी सस्पेक्ट बना ,
राई से पहाड़ बना ,
निर्मम का हास बना ।
बुत को बात बना ,
बुत को इंसान बना ।
बीते को समक्ष किया ,
भूत को...
चांद सा जो रिफ्लेक्ट बना ,
कपोल को भी सस्पेक्ट बना ,
राई से पहाड़ बना ,
निर्मम का हास बना ।
बुत को बात बना ,
बुत को इंसान बना ।
बीते को समक्ष किया ,
भूत को...