...

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मन के मंजीरे ।
ढोल नगाड़े संग ताशे है
मन के मंजीरे आज बाजे है ।

घनघोर घटा ले आते है
मेघा मल्हार सुनाते है ,
बारिश की भी चाल है और
रिमझिम रिमझिम करती शौर
बिजली सी चमके घनघोर
सब मधुर , संग गगनचर नाचे है ,
मन के मंजीरे आज बाजे है ।

हर जर्रा जर्रा महका है
खुशबू से तन बहका है ,
पिया मिलन की आस में
दिल खुशी से चहका है ,
चारो दिशा भी गान मधुर सुनावे है
मन के मंजीरे आज बाजे है ।