सुनो ना....
ओये सुनो...
तुम मिलो कभी किसी चौरहे पे..
तुम अपनी सुनाना
हम भी अपनी सुनायेंगे...
तुम केहती हो ना
अगर मांगो खुदा से वो संच मे कुछ देता है,
तो हम तुम्हे मांगना चाहेंगे...
तुम हमेशा कहेती हो ना लिखो कुछ
हमारे लिये..
तुम मिलने तो आओ..
हर वो लब्ज...
तुम मिलो कभी किसी चौरहे पे..
तुम अपनी सुनाना
हम भी अपनी सुनायेंगे...
तुम केहती हो ना
अगर मांगो खुदा से वो संच मे कुछ देता है,
तो हम तुम्हे मांगना चाहेंगे...
तुम हमेशा कहेती हो ना लिखो कुछ
हमारे लिये..
तुम मिलने तो आओ..
हर वो लब्ज...