औरत
माँ,बहन,बेटी,पत्नी के रूप में,
देती सबको प्यार, है औरत।
अगर आदमी से है ये दुनिया,
तो ये पूरा संसार है औरत।
पर इस मर्द की खातिर ही,
बेबस है,लाचार है औरत।
इस मर्द की हवस की खातिर,
बिकती सरे बाजार है औरत।।
इनकी मर्जी पे अपनी कोख तक,
गिराने को...
देती सबको प्यार, है औरत।
अगर आदमी से है ये दुनिया,
तो ये पूरा संसार है औरत।
पर इस मर्द की खातिर ही,
बेबस है,लाचार है औरत।
इस मर्द की हवस की खातिर,
बिकती सरे बाजार है औरत।।
इनकी मर्जी पे अपनी कोख तक,
गिराने को...