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❤️ मयखाने ❤️
जब से हुई है आमद मेरी तेरे शहर में।
मुझसे रूठे हुए ये सारे मयखाने हैं।।
किसको बयां करूं मैं हाल ए दिल अपना।
तेरे शहर में तेरे सिवा सब बेगाने हैं ।।
मैं इतना समा जाऊंगा तुझमें, मुझे खबर न थी।
मेरे अपनों को शक है कि हम जाने पहचाने हैं?
तुम को क्यूं नहीं लगता कि हम सिर्फ तेरे हैं।
हम तो तेरे होकर अब खुद से अनजाने हैं।।
© Shivam Dubey
मुझसे रूठे हुए ये सारे मयखाने हैं।।
किसको बयां करूं मैं हाल ए दिल अपना।
तेरे शहर में तेरे सिवा सब बेगाने हैं ।।
मैं इतना समा जाऊंगा तुझमें, मुझे खबर न थी।
मेरे अपनों को शक है कि हम जाने पहचाने हैं?
तुम को क्यूं नहीं लगता कि हम सिर्फ तेरे हैं।
हम तो तेरे होकर अब खुद से अनजाने हैं।।
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