मेंहदी की खुशबू
आज फिर प्रेम गीत गुनगुनाने को जी चाहता है
इश्क़ की थाप पे थिरक जाने को जी चाहता है,
बन के झूमर, तेरे माथे पे इतराने को जी चाहता है
बन के गजरा तेरे जूड़े पे सज जाने को जी चाहता है,
गजरे के फूलों की तरह, बिखर जाने को जी...
इश्क़ की थाप पे थिरक जाने को जी चाहता है,
बन के झूमर, तेरे माथे पे इतराने को जी चाहता है
बन के गजरा तेरे जूड़े पे सज जाने को जी चाहता है,
गजरे के फूलों की तरह, बिखर जाने को जी...