एक ख़्वाब
एक ही ख़्वाब कई बार यूंही देखा है मैंने
तूने साड़ी में छुपाली है मेरी चाबियां घर की
और चली आई है बस यूंही मेरा हाथ पकड़ कर
घर की हर चीज़ संभाले हुए अपनाए हुए तो
तू मेरे पास मेरे घर पे मेरे साथ है सोनू
मेज़ पर फूल सजाते हुए देखा है कई बार
और बिस्तर से कई बार जगाया भी है तुझ को
चलते...
तूने साड़ी में छुपाली है मेरी चाबियां घर की
और चली आई है बस यूंही मेरा हाथ पकड़ कर
घर की हर चीज़ संभाले हुए अपनाए हुए तो
तू मेरे पास मेरे घर पे मेरे साथ है सोनू
मेज़ पर फूल सजाते हुए देखा है कई बार
और बिस्तर से कई बार जगाया भी है तुझ को
चलते...