बारिश वाली याद
आज कितने समय बाद।
यह बरसती बूंदे जिंदा करवा गई वो बारिश वाली याद।।
कितना निश्चिंत समय होता था वो।
बारिश में खूब नाचते थे और वहीं करते थे, मन कहता था जो।।
वो बारिश में स्कूल ना जाने का बहाना।
यां वापसी में कभी बारिश में यूं भीगते हुए घर आना।
पानी का मुहल्लो की गलियों में इस कदर भर जाना।
उसमें भी कागज की नाव चला कर...
यह बरसती बूंदे जिंदा करवा गई वो बारिश वाली याद।।
कितना निश्चिंत समय होता था वो।
बारिश में खूब नाचते थे और वहीं करते थे, मन कहता था जो।।
वो बारिश में स्कूल ना जाने का बहाना।
यां वापसी में कभी बारिश में यूं भीगते हुए घर आना।
पानी का मुहल्लो की गलियों में इस कदर भर जाना।
उसमें भी कागज की नाव चला कर...