वो स्त्री है !!
वो स्त्री ,जो सचमुच तुमसे प्रेम करती है तुमसे दूर जाने का फैसला एक पल में नहीं करती महीनों वो खुद को समझाती है और जिस दिन वो तुम्हारे बिना खुद को संभालना और समझाना सीख जाती है ,ठीक उसी पल वो तुमको छोड़कर सिर्फ़ ख़ुद की हो जाती है तुमको उस दिन से डरना चाहिए जिस दिन स्त्री प्रेम और स्वाभिमान में से , स्वाभिमान को चुनती है क्योंकि उसी दिन स्त्री तुमसे मिले प्रेम को हीरे की तरह दिल में रख लेती है औऱ सारी दुनिया के लिए दिल के दरवाज़े सदा के लिए बंद कर लेती है ये उसका अंतिम फैसला होता है तुमको...