बात से बात
बात से बात
कहां हो पाती
समझ से समझ
कहां समझ पाते
दूरी ऐसे हो जाती
जैसे दूर होने का
बहाना ढूंढ रहे थे
दूसरों की बातों मे
करके यकीन
बोलने का मौका ना दिया
इतना इगो किस काम का
बहुत कम को प्यार मिला
उनमे भी बहुत कम को
प्यार से प्यार मिला
बात होना ही काफी नहीं
अजीज यहां कौन है
जब कहने का मौका मिले
दूर होना तो सीधे होना चाहिए
किसी को गलत कहकर क्यों
बहाना ये जरा पुराना हो गया
किसी को कहने का मौका नहीं
फिर कैसे कह सकते
दर्द सिर्फ एक को हुआ
बात हो तो दोनों तरफ से हो
जो दर्द मे भी दुआ करे
खुश रहने की
असली दर्द तो उन्हें है
अपने दर्द को भूलकर
सामने वाले का सोचा
© ©मैं और मेरे अहसास
कहां हो पाती
समझ से समझ
कहां समझ पाते
दूरी ऐसे हो जाती
जैसे दूर होने का
बहाना ढूंढ रहे थे
दूसरों की बातों मे
करके यकीन
बोलने का मौका ना दिया
इतना इगो किस काम का
बहुत कम को प्यार मिला
उनमे भी बहुत कम को
प्यार से प्यार मिला
बात होना ही काफी नहीं
अजीज यहां कौन है
जब कहने का मौका मिले
दूर होना तो सीधे होना चाहिए
किसी को गलत कहकर क्यों
बहाना ये जरा पुराना हो गया
किसी को कहने का मौका नहीं
फिर कैसे कह सकते
दर्द सिर्फ एक को हुआ
बात हो तो दोनों तरफ से हो
जो दर्द मे भी दुआ करे
खुश रहने की
असली दर्द तो उन्हें है
अपने दर्द को भूलकर
सामने वाले का सोचा
© ©मैं और मेरे अहसास
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