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साथी मुझको भी उठा लेना🙏
कुम्हलाया हुआ सा फूल हूँ मैं
कल गिर जाऊँगा डाली से
तुम आकर हाथ लगा देना
साथी मुझको भी उठा लेना
कल बारिशों के मौसम में,जब आएगी घनघोर घटा
मेरी पंखुड़ियां पिघलायेगी, बरसेगी जब पागल घटा
कल आँधियाँ जब धूलों को उड़ाकर,मुझसे होकर गुजरेगी
मैं सहमा सा कहीं छिप जाऊंगा, हौले से दूँगा अपना पता
फिर आकर तुम्हारे कानों में, चंचल ये हवाए बोलेंगी
मुझे कीचड़ में मिलने से पहले
इस बार मुझे सड़ने से पहले
बालों में अपने लगा लेना
साथी मुझको भी उठा लेना
कल गिर जाऊँगा डाली से
तुम आकर हाथ लगा देना
साथी मुझको भी उठा लेना
कल बारिशों के मौसम में,जब आएगी घनघोर घटा
मेरी पंखुड़ियां पिघलायेगी, बरसेगी जब पागल घटा
कल आँधियाँ जब धूलों को उड़ाकर,मुझसे होकर गुजरेगी
मैं सहमा सा कहीं छिप जाऊंगा, हौले से दूँगा अपना पता
फिर आकर तुम्हारे कानों में, चंचल ये हवाए बोलेंगी
मुझे कीचड़ में मिलने से पहले
इस बार मुझे सड़ने से पहले
बालों में अपने लगा लेना
साथी मुझको भी उठा लेना
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