...

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मोहब्बत की ख़ुदा
"ग़ज़लों में अपनी, मैं कैसे तुझे चाँद कह दूं,
अब तो वहाँ भी इंसानों ने क़ब्ज़ा कर रखा है।

मोहब्बत की ख़ुदा से दुआ, अब मैं क्या मांगू,
अब तो उन्हें भी हमने टुकड़ों में बाँट रखा है॥"
#WritcoQuote #writer #Love&love