सरहद पर करने क्या जाता है?
एक वीर शहादत पाता है
सीने पर गोली खाता है
जान न्योछावर कर अपनी
भारत मां का कर्ज़ चुकाता है
पलकों पर थे सपने उसके भी
गाँव में थे अपने उसके भी
माँ तेरी साड़ी लाऊंगा मैं
बाबा आपरेशन करवाऊंगा मैं
बहना तेरी कंघी,बिंदिया
अबकी बार जो आऊंगा मैं
रोक रही पांव में लिपटी मिट्टी
पर...
सीने पर गोली खाता है
जान न्योछावर कर अपनी
भारत मां का कर्ज़ चुकाता है
पलकों पर थे सपने उसके भी
गाँव में थे अपने उसके भी
माँ तेरी साड़ी लाऊंगा मैं
बाबा आपरेशन करवाऊंगा मैं
बहना तेरी कंघी,बिंदिया
अबकी बार जो आऊंगा मैं
रोक रही पांव में लिपटी मिट्टी
पर...