कुछ सवाल
पता नहीं मेरे अंदर क्या है?
सैलाब,सुनामी या ठहरा पानी।
जाने, पता नहीं दिल चाहता क्या है?
सख्ती, ख्याल, प्यार या मनमानी।
कैसे कहूं, क्यों रूठ जाती हूं?
तुम्हारी नासमझी ही...
सैलाब,सुनामी या ठहरा पानी।
जाने, पता नहीं दिल चाहता क्या है?
सख्ती, ख्याल, प्यार या मनमानी।
कैसे कहूं, क्यों रूठ जाती हूं?
तुम्हारी नासमझी ही...