राष्ट्र गोरव
हो सकती है उन्नति
तभी राष्ट्र की
अगर समाज सुधर जाये
अन्य सदस्यों के साथ
हर सदस्य रहे कुशल के साथ
राष्ट्र के जन के मस्तिष्क का
हो सकता है विकास
रीति रिवाजों विचार भावनाओं का
करें सभी आदान प्रदान
सिखा देगी हमें...
तभी राष्ट्र की
अगर समाज सुधर जाये
अन्य सदस्यों के साथ
हर सदस्य रहे कुशल के साथ
राष्ट्र के जन के मस्तिष्क का
हो सकता है विकास
रीति रिवाजों विचार भावनाओं का
करें सभी आदान प्रदान
सिखा देगी हमें...