तुम्हारा आना
कुछ लोगों का जिंदगी में आना
यूँ लगता है मानो
सुबह का खिलता उजास हो
हाँ.. तुम भी हो कुछ ऐसे ही मेरे लिए।
तुम नजरों से जो छूते हो न
मेरा रोम-रोम तरंगित हो उठता है।
तुम्हारा मात्र देख भर लेना
मुझे यूँ प्रफुल्लित करता है
जैसे मेरे शरीर पर
ओस की शीतल-श्वेत कणों ने...
यूँ लगता है मानो
सुबह का खिलता उजास हो
हाँ.. तुम भी हो कुछ ऐसे ही मेरे लिए।
तुम नजरों से जो छूते हो न
मेरा रोम-रोम तरंगित हो उठता है।
तुम्हारा मात्र देख भर लेना
मुझे यूँ प्रफुल्लित करता है
जैसे मेरे शरीर पर
ओस की शीतल-श्वेत कणों ने...