ज्ञान की आँख ज्यादा नहीं देख पाती ।
ज्ञान की आँख ज्यादा दूर तक नहीं देख पाती है, क्योंकि ज्ञान की आँख हमारी स्वयं की आँख है, और हमारी ताकत है कितनी! ज्यादा नहीं है, हवा में जलते दीपक की तरह है, जैसे हवा में दीपक बड़ा परेशान होता है, बुझता-बुझता बचता है,वही हालत है हमारी भी, लेकिन भक्ति की आँख बड़ी पैनी है, बड़ी तेज है, दूर तक का दर्शन कराने वाली है, क्योंकि भक्ति की आँख हमारी आँख नहीं...