तुम कौन सा तीर मार लोगे...
होने लगी है जींदगी की शाम
दो दिन मे खत्म हो गयी जींदगी तमाम...
अभी कल ही की बात है
इश्क़ के घोडे पे था सवार
वक्त ने दुलत्ती मार दी,
और हम गिर गये धडाम...।।
आपको कहता हूँ मै
अनुभव की एक बात..,
जज्बातों को बेडियां डालके
रखना तुम उम्र तमाम
आंखों की राह उतर के
बन पाए न कोई खास
अपनी चाहतों को रखना
कसके तुम लगाम... ।।
मेरी तरह इस आग मे
जलना न तुम कभी, ...
दो दिन मे खत्म हो गयी जींदगी तमाम...
अभी कल ही की बात है
इश्क़ के घोडे पे था सवार
वक्त ने दुलत्ती मार दी,
और हम गिर गये धडाम...।।
आपको कहता हूँ मै
अनुभव की एक बात..,
जज्बातों को बेडियां डालके
रखना तुम उम्र तमाम
आंखों की राह उतर के
बन पाए न कोई खास
अपनी चाहतों को रखना
कसके तुम लगाम... ।।
मेरी तरह इस आग मे
जलना न तुम कभी, ...