मैं और मेरा सफर
बहुत कुछ सीखा है ज़िन्दगी से,
बहुत इम्तहान भी दियें है ,
टूट टूट कर मज़बूत बना हूँ,
यूँही नही अकेला खड़ा हूँ,
इतना पता है मुझे ,
बस रब साथ हैं मेरे...
लगता होगा ज़माने को राह गलत है मेरी,
पर ज़माने का क्या...
बहुत इम्तहान भी दियें है ,
टूट टूट कर मज़बूत बना हूँ,
यूँही नही अकेला खड़ा हूँ,
इतना पता है मुझे ,
बस रब साथ हैं मेरे...
लगता होगा ज़माने को राह गलत है मेरी,
पर ज़माने का क्या...