...

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सर्द रात में गर्म मीत
जनवरी का बेवफा महीना कटकटाती सर्द,
कोहरा था पर तकदीर ने कर दिया दोनों को गर्म।
वापस आये लौट के हम दोनों एक फंक्शन से,
बाइक पर थरथराती मैं औऱ उसको चलाते मेरे प्रियतम।।

पहुचते ही घर दोनों ने दिया एक दूजे का साथ,
किया बेजोड़ आलिंगन और लब को लब का साथ।
कुछ पल में दोनों हो गए उत्तेजित ऊष्मा का हुआ संचार
कपड़े हुए गायब यौनांगों पर पहुचा हमारा हाथ।।

जैसे जैसे मेरे निर्वस्त्र स्तनों पर उनका हाथ घूमा,
मई का महीना लगा और मैंने नाजुक अंग को चूमा,
पहुच बिस्तर पर कामुक क्रिया में छिड़ा ऐसा गीत,
दोनों हुए सन्तुष्ट शीत रात में मुझको मिला गर्म मीत।।