वक्त की बाते
गुजरे वक्त की कहानी को अब इससे ज्यादा ना लिखूंगा...
अब आने वाले कल की एक नई शुरुआत करूंगा...
आंखों के किनारे बसा है जो दरिया अब उसे एक नहीं लहर का अंजाम ना दूंगा...
कुछ भी कर लूंगा मगर अब तेरी यादों को नया मुकाम ना दूंगा...
-puru sharma
अब आने वाले कल की एक नई शुरुआत करूंगा...
आंखों के किनारे बसा है जो दरिया अब उसे एक नहीं लहर का अंजाम ना दूंगा...
कुछ भी कर लूंगा मगर अब तेरी यादों को नया मुकाम ना दूंगा...
-puru sharma