कौन हैं मौन हैं...?
मुर्दो का शहर
पत्थरों का शहर
हर क़ब्र पर
सपाट सिलाओं से चेहरे
जो मौन हैं
पूछते हैं
अपने से ही
कोई आया नहीं
कोई गया नहीं
इन कब्रों में दफन कौन हैं
दौड़ती हैं लाशें
शहर दर शहर
उठा रहा धुआं
इन जलती चिताओं
पर कौन हैं
रुदन, हसीं, ठिठोली के घर
रह गए हैं खंडहर
इन घरों में रहता हैं अब कौन हैं
सब मौन हैं सब मौन हैं सब मौन हैं
कफन ओढ़े हैं सभी
रंग बिरंगे यहां
ये चलते फिरते मुर्दे
कौन हैं कौन हैं कौन हैं कौन हैं.....!!!!
© DEEPAK BUNELA
पत्थरों का शहर
हर क़ब्र पर
सपाट सिलाओं से चेहरे
जो मौन हैं
पूछते हैं
अपने से ही
कोई आया नहीं
कोई गया नहीं
इन कब्रों में दफन कौन हैं
दौड़ती हैं लाशें
शहर दर शहर
उठा रहा धुआं
इन जलती चिताओं
पर कौन हैं
रुदन, हसीं, ठिठोली के घर
रह गए हैं खंडहर
इन घरों में रहता हैं अब कौन हैं
सब मौन हैं सब मौन हैं सब मौन हैं
कफन ओढ़े हैं सभी
रंग बिरंगे यहां
ये चलते फिरते मुर्दे
कौन हैं कौन हैं कौन हैं कौन हैं.....!!!!
© DEEPAK BUNELA