बेजुबान इश्क
दिल है मेरा मौन और जुबां है चल रहा
आंसू मेरे बह रहे और मन मचल रहा
कोशिश यही थी की आज रात ना होने दूं
पर मेरी आंखों के सामने सूरज है ढल रहा
जिसको माना था खुदा वो जुदा कर दिया
किए गए सारे वादे सब तेजी से बदल रहा
कुछ इस तरह बेजान करके किनारा कर गई
शरीर तो सांस ले रही पर आत्मा है जल रहा
गई है तो लौट कर आएगी एक दिन मेरे पास
पता नही क्यों मन में गलतफहमी है पल रहा
© Amar viraj
आंसू मेरे बह रहे और मन मचल रहा
कोशिश यही थी की आज रात ना होने दूं
पर मेरी आंखों के सामने सूरज है ढल रहा
जिसको माना था खुदा वो जुदा कर दिया
किए गए सारे वादे सब तेजी से बदल रहा
कुछ इस तरह बेजान करके किनारा कर गई
शरीर तो सांस ले रही पर आत्मा है जल रहा
गई है तो लौट कर आएगी एक दिन मेरे पास
पता नही क्यों मन में गलतफहमी है पल रहा
© Amar viraj