...

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बेजुबान इश्क
दिल है मेरा मौन और जुबां है चल रहा
आंसू मेरे बह रहे और मन मचल रहा

कोशिश यही थी की आज रात ना होने दूं
पर मेरी आंखों के सामने सूरज है ढल रहा

जिसको माना था खुदा वो जुदा कर दिया
किए गए सारे वादे सब तेजी से बदल रहा

कुछ इस तरह बेजान करके किनारा कर गई
शरीर तो सांस ले रही पर आत्मा है जल रहा

गई है तो लौट कर आएगी एक दिन मेरे पास
पता नही क्यों मन में गलतफहमी है पल रहा
© Amar viraj