#इंतज़ार
#इंतज़ार
बेकार किसी के लौट आने की आस में बैठे है
हम अपने जिस्म को लहाश बना कर बैठे हैं
आंसुओं से तालुकात नहीं हमारे
हम अपने दिल को बेवकूफ बना कर बैठे हैं।।
तेरे शहर की पक्की सड़कें...
बेकार किसी के लौट आने की आस में बैठे है
हम अपने जिस्म को लहाश बना कर बैठे हैं
आंसुओं से तालुकात नहीं हमारे
हम अपने दिल को बेवकूफ बना कर बैठे हैं।।
तेरे शहर की पक्की सड़कें...