jannat chahen jaisi ho
दुखती रग पर ऊँगली रखकर
पूछ रही हो कैसे हो ?
तुमसे ये उम्मीद नहीं थी
दुनिया चाहे जैसी हो
एक तरफ मैं बिलकुल तनहा
एक तरफ दुनिया सारी
अब तो जंग छिड़ेगी खुलकर
ऐसी हो या...
पूछ रही हो कैसे हो ?
तुमसे ये उम्मीद नहीं थी
दुनिया चाहे जैसी हो
एक तरफ मैं बिलकुल तनहा
एक तरफ दुनिया सारी
अब तो जंग छिड़ेगी खुलकर
ऐसी हो या...