...

15 views

तुम और तुम्हारा एहसास
तुमसे मिले थे कुछ हम इस तरह
जैसे पहले कभी मिले हो
एहसास कुछ यूं हुआ मुझे
जैसे तुम हमारे अपने हो

कहना नहीं चाहता था तुमसे वो बातें
जो दिल में मैंने छुपा रखी थी
भंवर में फंसा के क्या फायदा था
जब कश्ती हमारी किनारे पर खड़ी थी

तुमने जान ली वो सब बातें
जिनका कोई फायदा ना था
बेवजह तकलीफ दी तुमने खुद को
जो हमको बिल्कुल ना गवारा था

तुम्हें देखने की चाहत थी मेरी
जो एक दिन पूरी भी हो गई
और तुम सामने से मुस्कुरा ऐसे दिए
तो लगा जैसे दुआ कबूल हो गई
©sujitthakur
@darkshadewriter
#darkshadewriter