"ग़ज़ल"
अए मतलबी इश्क ठहर तो जा !
है किधर तू मुझे नजर तो आ !!
रुख-सत हो गई है खुशी मेरी !
गुजरते पलों की खबर तो ला !!
बे-सब्र हूँ...
है किधर तू मुझे नजर तो आ !!
रुख-सत हो गई है खुशी मेरी !
गुजरते पलों की खबर तो ला !!
बे-सब्र हूँ...